
मुख्य बातें
- सभी समूह-ग परीक्षाओं का लाइव टेलीकास्ट होगा
- गेट पर ही बायोमीट्रिक हाजिरी और चेकिंग की पूरी प्रक्रिया
- जैमर की गुणवत्ता जांच परीक्षा से एक दिन पहले
- केंद्रों पर रातभर सुरक्षा व्यवस्था रहेगी
- एक ही पाली में होगी परीक्षा
- ECIL और बायोमीट्रिक कंपनियों के साथ बैठक 27-28 अक्टूबर को
देहरादून | उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) अब अपनी आगामी समूह-ग भर्ती परीक्षाओं को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं चाहता। पेपर लीक और नकल कांडों से सबक लेते हुए आयोग ने इस बार फुलप्रूफ मास्टर प्लान तैयार किया है, जिसमें परीक्षा केंद्र से लेकर आयोग मुख्यालय तक हर स्तर पर निगरानी और सुरक्षा की विशेष व्यवस्था होगी। पिछली स्नातक स्तरीय परीक्षा में जैमर के न चलने और 5G नेटवर्क के सक्रिय रहने से नकल की आशंका बनी रही थी।
रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ था कि कई केंद्रों पर 4G जैमर लगे थे जो 5G नेटवर्क को जाम नहीं कर सकते थे। इसी को देखते हुए आयोग ने जैमर सिस्टम पर विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है। इस संबंध में 27-28 अक्टूबर को ECIL (Electronics Corporation of India Limited) और बायोमीट्रिक मशीन सप्लाई करने वाली कंपनी के अधिकारियों के साथ अहम बैठक होगी। बैठक में अब तक की सभी तकनीकी खामियों की समीक्षा और सुधारात्मक कदमों पर चर्चा होगी।
परीक्षा से एक रात पहले तैनात रहेंगे सुरक्षाकर्मी
आयोग के अध्यक्ष जी.एस. मर्तोलिया ने बताया कि परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा को लेकर नई कार्यप्रणाली अपनाई जा रही है। अब हर परीक्षा केंद्र पर —
- परीक्षा से एक रात पहले ही सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे,
- जैमर का ट्रायल परीक्षा से एक दिन पहले किया जाएगा,
- जहां कोई खामी पाई जाएगी, वहां जैमर तुरंत बदला जाएगा।
इसकी जिम्मेदारी सेक्टर मजिस्ट्रेट, केंद्र समन्वयक और पर्यवेक्षक की होगी। उन्हें अपनी रिपोर्ट आयोग को देना अनिवार्य होगा।
दीवारें, गेट और सुरक्षा का होगा निरीक्षण
किसी भी प्रकार की चूक से बचने के लिए पुलिस और मजिस्ट्रेट का संयुक्त निरीक्षण दल परीक्षा केंद्रों का दौरा करेगा। वे जांचेंगे कि —
- दीवारों की ऊंचाई पर्याप्त है या नहीं,
- प्रवेश और निकास द्वार सुरक्षित हैं या नहीं,
- मोबाइल नेटवर्क सिग्नल का असर अंदर तक है या नहीं।
इस निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर ही केंद्रों को अंतिम स्वीकृति दी जाएगी। अब परीक्षा केंद्र के भीतर केवल अभ्यर्थी और पर्यवेक्षक को ही प्रवेश की अनुमति होगी। बाकी सभी प्रशासनिक और चेकिंग प्रक्रियाएं गेट पर ही पूरी होंगी, जिनमें —
- बायोमीट्रिक सत्यापन,
- फोटो पहचान मिलान,
- धातु डिटेक्टर से जांच,
- दस्तावेज़ सत्यापन शामिल है।
यदि किसी को केंद्र के भीतर किसी विशेष कारण से प्रवेश की अनुमति दी जाती है, तो उसकी आवागमन की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग रखी जाएगी। आयोग ने घोषणा की है कि समूह-ग भर्ती परीक्षा का लाइव टेलीकास्ट (Live Telecast) किया जाएगा। इसके लिए आयोग कार्यालय में एक कंट्रोल रूम तैयार किया जा रहा है, जहां से प्रत्येक केंद्र की लाइव फीड देखी जा सकेगी। यह फीड न केवल रीयल-टाइम मॉनिटरिंग के लिए होगी, बल्कि परीक्षा के बाद भी इसे साक्ष्य के रूप में सुरक्षित रखा जाएगा।
“हम नहीं चाहते कि परीक्षा प्रणाली पर फिर कभी सवाल उठें। इसलिए हर केंद्र पर कैमरे और जैमर दोनों का ट्रायल किया जाएगा।”
— जी.एस. मर्तोलिया, अध्यक्ष, यूकेएसएसएससी
एक ही पाली में होगी परीक्षा
आयोग ने उन अफवाहों का खंडन किया है जिनमें कहा जा रहा था कि परीक्षाएं दो पालियों में आयोजित होंगी। अध्यक्ष मर्तोलिया ने स्पष्ट किया —
“सभी समूह-ग परीक्षाएं केवल एक ही पाली में कराई जाएंगी, ताकि किसी भी स्तर पर पेपर लीक या सूचना प्रसार की गुंजाइश न रहे।”
यूकेएसएसएससी की यह नई व्यवस्था पारदर्शिता और निष्पक्षता की दिशा में अब तक का सबसे बड़ा सुधार मानी जा रही है। इससे न केवल अभ्यर्थियों का भरोसा लौटेगा, बल्कि आयोग की विश्वसनीयता भी पुनः स्थापित होने की उम्मीद है। उत्तराखंड में समूह-ग भर्ती परीक्षाओं को लेकर इस बार का प्लान तकनीकी रूप से बेहद मजबूत दिख रहा है। जैमर अपग्रेड, लाइव निगरानी, और गेट पर बायोमीट्रिक उपस्थिति जैसी व्यवस्थाएं इस बात का संकेत हैं कि आयोग अब परीक्षा प्रक्रिया को सुरक्षित, पारदर्शी और जवाबदेह बनाना चाहता है। यह पहल राज्य में लंबे समय से चली आ रही पेपर लीक और नकल माफिया संस्कृति पर कड़ा प्रहार मानी जा रही है।